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कहीं जवानी व्यर्थ ही न निकल जाए || नीम लड्डू
Author Acharya Prashant
Acharya Prashant
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युवा होने का अर्थ होता है कि सुडौल शरीर हो, चौंड़ी छाती, मज़बूत कंधे और विराट ह्रदय। दुनिया की समझ, दुनिया की सारी क्रांतियाँ जवान लोगों ने करी हैं। और ‘क्रांति’ से मेरा मतलब पत्थरबाजी और हुल्लड़ नहीं है। क्रांति बहुत समझदार लोगों का काम होती है, क्रांति का मतलब विनाश नहीं होता, क्रांति का मतलब एक नया सृजन होता है।

वह जवानी जो पढ़ती नहीं, लिखती नहीं, जो अपने-आप को बोध से भरती नहीं, वह जवानी व्यर्थ ही जा रही है!

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